कल-आज आजकल
आज तुम मेरे सम्मुख हो, मैं तुम्हारे ‘आज’ को ‘कल’ की रोशनी में देखना चाहता हूँ। देखता हूँ तुम्हारे ‘आज…
आज तुम मेरे सम्मुख हो, मैं तुम्हारे ‘आज’ को ‘कल’ की रोशनी में देखना चाहता हूँ। देखता हूँ तुम्हारे ‘आज…
आज मोबाइल पर एक संदेश (Message) आया- एक आदमी मंदिर गया रोने लगा- “हे राम’ मेरी बीवी खो गयी है।”…
सड़क उसके बीच से गुजरती है गुजरते हैं सड़क पर चलने वाले लोग पर थोड़ा ठहर जाते हैं, दम साध…
enveloppen (Photo credit: Wikipedia) क्यों ऐसा होता था कि डाकिया रोज आता था पर तुम्हारा लिखा हुआ पत्र नहीं लाता…
(Photo credit: MarianOne) आज फिर एक चहकता हुआ दिन गुमसुमायी सांझ में परिवर्तित हो गया, दिन का शोर खामोशी में…
दिन गये, तो ठीक न गये, रुके रहे तो और भी ठीक। रात गयी, तो ठीक न गयी, रुकी रही…