कह दिया मैंने ..
मेरी अपनी एक ज़िद है रहने की, कहने की और उस ज़िद का एक फलसफ़ा । यूँ तो दर्पण टूट…
मेरी अपनी एक ज़िद है रहने की, कहने की और उस ज़िद का एक फलसफ़ा । यूँ तो दर्पण टूट…
“बतलाओ माँ, बालमणि अम्मा मलयालम कविता की शीर्ष कवयित्री । प्रख्यात भारतीय अंग्रेजी साहित्यकार ’कमला दास’ की माँ । जन्म…
मुक्ति पर इतना विवाद, खुलेपन पर इतना हंगामा क्यों ? युग बीते, पर क्या तुम्हारी लोभ से ललचायी आँखों से …
बिहारी फाग-रंग चढ़ गया है इन दिनों सब पर ! नदा कर चुप बैठा हूँ, ये ओरहन सुनना ठीक नहीं…
घनानंद (राग केदारौ) फाग-रंग चढ़ गया है इन दिनों सब पर ! नदा कर चुप बैठा हूँ, ये ओरहन सुनना…
सखि ऊ दिन अब कब अइहैं, पिया संग खेलब होरी । बिसरत नाहिं सखी मन बसिया केसर घोरि कमोरी ।…