तुम नहीं हो, पर यह ’नहीं’ ’नास्ति’ नहीं है..
“वहाँ उपेक्षा कायरता है जहाँ उचित प्रतिकार क्रोध ले न प्रतिशोध तो न हो सीता का उद्धार।” Photo1:Daniel Berehulak;Source:The Atlantic…
“वहाँ उपेक्षा कायरता है जहाँ उचित प्रतिकार क्रोध ले न प्रतिशोध तो न हो सीता का उद्धार।” Photo1:Daniel Berehulak;Source:The Atlantic…
Sarracenia © Karen Hall प्रणय-पीयूष-घट हूँ मैं। आँख भर तड़ित-नर्तन देखता मेघ-गर्जन कान भर सुनता हुआ पी प्रभूत प्रसून-परिमल …
तुम को क्या हो गया आज तुम इतने व्याकुल हो मेरे मन व्यक्त कर सकेगी क्या वाणी उर के गहन…
आज देखा तुम्हें अन्तर के मधुरिल द्वीप पर ! निज रूपाकाश में मधुरिम प्रभात को पुष्पायित करती, हरसिंगार के कुहसिल…
विकल हूँ, पहचान लूँ मैं कौन-सी वह पीर है ! अभीं आया नहीं होता वसन्त तभीं उजाड़ क्यों हो जाती…
मृत्यु ! शलभ श्रीराम सिंह जन्म : 05-01-1938 मृत्यु : 22-04-2000 जन्म स्थान : मसोदा, जलालपुर, फैजाबाद (अम्बेडकर नगर), उ०प्र०…