वृक्ष दोहद के बहाने वृक्ष-पुष्प चर्चा: कवि प्रसिद्धियाँ व कवि समय
साहित्य के अन्तर्गत कवि-समय का अध्ययन करते हुए अन्यान्य कवि समयों के साथ वृक्ष दोहद का जिक्र पढ़कर सहित्य की…
साहित्य के अन्तर्गत कवि-समय का अध्ययन करते हुए अन्यान्य कवि समयों के साथ वृक्ष दोहद का जिक्र पढ़कर सहित्य की…
समय की राह सेहटा-बढ़ा कई बारविरम गयी राह ही,मन भी दिग्भ्रांत-साअटक गया इधर-उधर । भ्रांति दूर करने कोदीप ही जलाया…
“जीवन के रोयें रोयें कोमिलन के राग से कम्पित होने दो,विरह के अतिशय ज्वार कोठहरा दो कहीं अपने होठों पर,दिव्य…
अपनी पिछली प्रविष्टि (हे सूर्य : कविता – कामाक्षीप्रसाद चट्टोपाध्याय) पर अरविन्द जी की टिप्पणी पढ़कर वैसे तो ठहर गया…
हे बहु-परिचित सूर्य !नहीं पा रहा हूँ तुम्हें नये सिरे से पहचान,पहचान नहीं पा रहा ….उत्तरी हवा चल रही है…
गहन मानवतावाद के पोषक और मानव मात्र में अटूट आस्था रखने वाले कन्नड़ के प्रख्यात साहित्यकार डॉ० मास्ति वेंकटेश अय्यंगार…