सौन्दर्य लहरी (छन्द संख्या 95-102)

By Himanshu Pandey

सौन्दर्य लहरी का हिन्दी काव्य रूपांतर स्वदेहोद्भूताभिर्घृणिभिरणिमाद्याभिरभितो,निषेवे नित्ये त्वामहमिति सदा भावयति यः।किमाश्चर्यं तस्य त्रिनयनसमृद्धिं तृणयतो,महासंवर्ताग्निविरचयति नीराजनविधिं ॥95॥स्वशरीरोद्भूत किरणसमूहअणिमादिक सुसेवितजो स्वरूप…

सौन्दर्य लहरी (छन्द संख्या 88-94)

By Himanshu Pandey

सौन्दर्य लहरी का हिन्दी काव्य रूपांतर नखैर्नाकस्त्रीणां करकमलसङ्कोचशशिभिःतरूणां दिव्यानां हसत इव ते चण्डि चरणौ।फलानि स्वःस्थेभ्यः किसलय-कराग्रेण ददतांदरिद्रेभ्यो भद्रां श्रियमनिशमह्नाय ददतौ…

को सजनी निलजी न भई, अरु कौन भटू जिहिं मान बच्यौ है

By Himanshu Pandey

१. (राग केदार) पकरि बस कीने री नँदलाल। काजर दियौ खिलार राधिका, मुख सों मसलि गुलाल॥ चपल चलन कों अति…

सौन्दर्य लहरी (छन्द संख्या 81-87)

By Himanshu Pandey

सौन्दर्य लहरी का हिन्दी काव्य रूपांतर करीन्द्राणां शुण्डान् कनककदलीकाण्डपटली-मुभाभ्यामूरुभ्यामुभयमपि निर्जित्य भवति।सुवृत्ताभ्यां पत्युः प्रणतिकठिनाभ्यां गिरिसुतेविधिज्ञे जानुभ्यां विबुधकरिकुम्भद्वयमसि॥81॥करिवरों के शुण्ड कोकंचन कदलि…

शैलबाला शतक: भोजपुरी स्तुति काव्य (दस)

By Himanshu Pandey

शैलबाला शतक शैलबाला शतक नयनों के नीर से लिखी हुई पाती है। इसकी भाव भूमिका अनमिल है, अनगढ़ है, अप्रत्याशित…

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