शैलबाला शतक: भोजपुरी स्तुति काव्य (नौ)
शैलबाला शतक: स्तुति काव्य नयनों के नीर से लिखी हुई पाती है। इसकी भाव भूमिका अनमिल है, अनगढ़ है, अप्रत्याशित…
शैलबाला शतक: स्तुति काव्य नयनों के नीर से लिखी हुई पाती है। इसकी भाव भूमिका अनमिल है, अनगढ़ है, अप्रत्याशित…
कुछ दिनों पहले गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की गीतांजलि के भावानुवाद के क्रम में उनके गीत ‘This is my prayer to thee..’…
सौन्दर्य लहरी का हिन्दी काव्य रूपांतर यदेतत्कालिन्दी तनुतरतरंगाकृति शिवेकृशे मध्ये किंचिज्जननि तव यद्भाति सुधियाम्विमर्दादन्योन्यं कुचकलशयोरन्तरगतं तनूभूतं व्योम प्रविशदिव नाभिं कुहरिणीम्॥76॥ यमुन…
[डॉ० कार्ल गुस्ताव युंग (Carl Gustav Jung) का यह आलेख मूल रूप में तो पढ़ने का अवसर नहीं मिला, पर लगभग…
आधुनिक मनुष्य कौन?: डॉ० कार्ल गुस्ताव युंग जिसे हम आधुनिक मनुष्य कहते हैं, जो तात्कालिक वर्तमान के प्रति सचेतन है,…
शैलबाला शतक: भोजपुरी स्तुति काव्य: 37-48 पूत भयों अस लोलक लइया सबै पुरुखा की बड़ाई बहाई माई की ड्यौढ़ी पै…