छायावादी कवियों की नवीन चेतना के प्रसार के परिणामस्वरूप छायावादी रूढ़ि विद्रोही नवीन युग बोध ने इन्हें समस्त रूढ़ि बन्धनों का तिरस्कार कर अपने भावों के संप्रेषण के लिये तथा विचारों के अनुकूल भिन्न-भिन्न प्रकार की नयी काव्य-विधाओं की रचना…