About This Blog
सच्चा शरणम् हिन्दी ब्लॉगिंग की शुरुआत से मेरा साथी है। लिखने पढ़ने की परम्परा को नया रूप दिया इसने मेरे लिये। परम्परागत अभिव्यक्ति के सम्मुख एक नयी आमद थी यह। पत्र-पत्रिकाओं में छपने-छपवाने की झंझटों से एकदम अलग। जब मन में आया, लिखा। जो मन में आया, लिखा। जैसे मन में आया, लिखा। बस इतना ख़याल रखना था कि जो, ज्यों और जैसे के फेर में सब मानक न मिट जाँय। स्वानुशासन शर्त थी, सो अपनाया।
सच्चा शरणम् मेरी साहित्यिक अभिरुचियों के साथ ही तकनीकी समझ के लिए भी एक आवश्यक माध्यम बना।
यह ब्लॉग अपनी व्यक्तिगत अभिव्यक्ति के लिये बना। बाद में साहित्य की अठखेलियों ने स्थान लिया। काव्य, गद्य, नाटक, अनुवाद के साथ ही लोकभाषा की रचनायें विचरने लगीं। ऑडियो, वीडियो की ख़बर भी आती रहती हैं यदा कदा। इस ब्लॉग पर कभी विवाद के विषय नहीं आये, न आयेंगे। संवाद हेतु रहा, होता रहा। बहुत सारा तो केवल खुद का कहे जाने एवं इंटरनेट पर यत्र-तत्र बिखरी सामग्री के उपलब्ध कराने के उपक्रम से लिखा-रचा गया।
सच्चा शरणम् की सज्जा अपनी मनमाफ़िक बदलता गया। जैसे जैसे तकनीकी सीख मिलती गयी, ब्लॉग समृद्ध होता गया। प्रारंभ मुफ़्त के प्लेटफॉर्म गूगल ब्लॉगर से किया था उसी के डोमेन .ब्लॉगस्पॉट पर, बाद में कस्टम डोमेन पर आया जो आजतक साथ है। होस्टिंग ली तो ब्लॉगर से सीधे वर्डप्रेस पर आया। कुछ सीख लिया था, तो आजमाने निकला। प्रारंभ में एक दो बार वर्डप्रेस पर हैकर्स ने आजमाया, सारी स्क्रीन काली, लाल लपलपाती फ़्लैश सी रोशनी वाली टैम्पलेट। बाद में उनसे निपटना भी सीख गया।
हिन्दी ब्लॉगिंग के साथ-साथ सच्चा शरणम्
हिन्दी ब्लॉगिंग की उठती गिरती दशा-दिशा का साक्षी है यह ब्लॉग। जब कभी अन्य माध्यमों से जी उचटा, दौड़ कर लौट आया अपनी ब्लॉग गली में। सक्रियता ने भले ही रुक-रुक रुख किया हो सच्चा शरणम् की ओर, पर इसके सिवा कोई ठौर नहीं जहाँ आकर मन ने चैन पाया हो। अन्यान्य सोशल माध्यमों ने आकर्षित किया, हर जगह खाते बनाये, कमोबेश सक्रिय रहा- पर ब्लॉग तो ब्लॉग है। लिखने की, पढ़ने की साध पूरी करता है। किसी पत्र-पत्रिका, पुस्तक में छपने की साध सहज ही पूरी करता है यह।
विविध विषयों पर लिखा जाता रहा है इस ब्लॉग पर। साहित्य की विधाओं की खूब आँखमिचौनी है यहाँ। कविता तो इस ब्लॉग का प्राण है, पर आलेखों, निबन्धों व नाटकों ने इस ब्लॉग को जीवंत बनाया है। जीवन, संस्कृति, प्रेम, करुणा, सहभाग, सृष्टि, पर्यावरण, स्त्री और सौन्दर्य की अभिव्यक्ति है यहाँ- इसलिये ही तो यह रम्यांतर है।
रम्यांतर रम्य अंतर का है, रम्य अंतर के लिए है, रम्य अन्तर के द्वारा है– Of the people, for the people, by the people.
क्या-क्या अभिव्यक्त है इस ब्लॉग पर?
सच्चा शरणम् रम्यांतर जाल-स्थल (Website) का अनिवार्य अंग है। इसी चिट्ठे (Blog) पर रम्यांतर की अभिव्यक्ति का अधिकांश प्रकट होता है, होता रहेगा। साहित्य, संस्कृति, कला, प्राचीन, अर्वाचीन, लोक, शास्त्र, भाषा, भाव – सहज संयुक्त हैं यहाँ। सच्चा शरणम् वर्ष 2008 से गतिमान् है, निरंतर- कभी चटक, कभी मद्धिम। संस्कृत के आर्ष ग्रंथों एवं अमूल्य साहित्य का अतुल वैभव हिन्दी में प्रस्तुत करने की क्षुद्र चेष्टा भी करता है सच्चा शरणम् का अकिंचन लेखक।
कविताओं के साथ-साथ ललित निबंधों का पारिजात मह-मह महकता है इस पृष्ठ पर। समीक्षा, आलोचना, सामयिक आलेख, ब्लॉग एवं ब्लॉगिंग पर लिखे तत्कालीन आलेख इस पृष्ठ को गद्य-गरिमा देते हैं। गीतों और ग़ज़लों से तृप्त होती है इसकी प्यास। शास्त्र की भूमि पर निखरता है सच्चा शरणम् का लोक-मन। भोजपुरी भाषा की विशिष्ट रचनाओं को प्रस्तुत कर देने में सहज ही धन्य होता है यह ब्लॉग।
विभिन्न भाषाओं से हिन्दी में अनूदित रचनाओं को संकलित करने के साथ ही विशिष्ट संस्कृत एवं अंग्रेजी रचनाओं का हिन्दी अनुवाद भी सच्चा शरणम् पर प्रमुखतः प्रकाशित होते हैं। संस्कृत के आर्ष ग्रंथों एवं अमूल्य साहित्य का अतुल वैभव हिन्दी में प्रस्तुत करने की क्षुद्र चेष्टा भी करता है सच्चा शरणम् का अकिंचन लेखक। इसके अतिरिक्त भाषा, संस्कृति, विज्ञान, पर्यावरण आदि पर भी स्फुट रचनायें मिलेंगी यहाँ। कुछ प्रविष्टियाँ यहाँ देखिये-
सच्चा शरणम् के लगभग हर ठौर पर खाते हैं। हर जगह उपस्थिति है। ब्लॉग के अनेकानेक सब्स्क्राइबर हैं- ईमेल से पढ़ते हैं। इसका एक सक्रिय फ़ेसबुक पेज है, ट्विटर पर भी इसके लेखक की उपस्थिति है। फ़्लिकर, इंस्टाग्राम पर भी उपस्थित है ब्लॉग। सच्चा शरणम का एक यूट्यूब चैनल भी है। इसे सब्स्क्राइब करने पर कुछ कवितायें, आलेख, नाटक व रम्य रचनायें पहुँचेंगी आप तक। अनुवाद की विभिन्न प्रविष्टियाँ भी चैनल पर पढ़ी गयी हैं। इन प्रविष्टियों को यूट्यूब चैनल सब्स्क्राइब कर देखा-सुना जा सकता है।
सच्चा शरणम् के सहयोगी और भी ठिकाने हैं…
अखिलं मधुरम्
अखिलं मधुरम् हिन्दी भाषा में लिखा जाने वाला एक ब्लॉग है। यह चिट्ठा भी रम्यांतर वेब-स्थल से संयुक्त है। प्रारंभ से ही आध्यात्मिक, दार्शनिक, साहित्यिक रचनाओं का एक विशिष्ट स्थल है यह ब्लॉग। इस ब्लॉग पर श्री प्रेम नारायण पंकिल की साहित्यिक, दार्शनिक एवं आध्यात्मिक काव्य एवं गद्य रचनायें निरन्तर प्रकाशित होती रहती हैं।
अँजोर भोजपुरी
अँजोर लोकभाषा के रस से पगा हुआ ब्लॉग है। लोकभाषा विशेषतः भोजपुरी की विभिन्न विधाओं में रचित रचनाओं का ब्लॉग है अँजोर। यद्यपि लोकभाषा की रचनायें न्यूनाधिक सच्चा शरणम् एवं अखिलं मधुरम् पर भी प्रकाशित होती रही हैं, परन्तु भोजपुरी की रचनाओं को एक अतिरिक्त स्थान के उद्देश्य से अँजोर प्रारम्भ हुआ था।
Eternal Sharing Literature
Eternal Sharing Literature is a blog written in English language. It features the literary artists and their works of any language in India. Blog is an attempt to introduce Indian literature especially Hindi Literature, Hindi authors and their works as well.