उदात्त नारी की तरह उषा प्रत्येक वस्तु को सहलाती सँवारती आती है। सकल चराचर जीवन को जगाती हुई, वह प्रत्येक पदचारी प्राणी को गतिमान करती है, और पक्षियों में उड़ान भरती है। आदि दिन को वह जानती है और अन्धकार…