मेरी समझ नहीं कि ये कमाल कर सकूँ
हर शख्स अपने साथ मैं खुशहाल कर सकूँ मेरी समझ नहीं कि ये कमाल कर सकूँ। फैली हैं अब समाज…
कविता श्रेणी के अन्तर्गत छंदबद्ध एवं छंदमुक्त कविताएँ संकलित की गई हैं। साथ ही ग़ज़लें, गीत, हाइकु, दोहे इत्यादि भी इसी श्रेणी में उपश्रेणियाँ बनाकर प्रकाशित की गई हैं। छंदबद्ध कविताओं के अन्तर्गत सुभाषित, भजन, क्रियात्मक गीत एवं संवाद गीत संकलित हैं तथा छंदमुक्त कविताओं के अन्तर्गत मुक्त छंद की कविताएँ, हाइकु एवं लघु कविताएँ संकलित हैं। यह कविताएँ स्वरचित भी हैं तथा अन्य कवियों की भी प्रिय रचनायें किसी विशेष प्रयोजनवश सुविधानुसार प्रकाशित की गई हैं।

हर शख्स अपने साथ मैं खुशहाल कर सकूँ मेरी समझ नहीं कि ये कमाल कर सकूँ। फैली हैं अब समाज…
BEHIND WHICH DOOR, (Photo credit: marc falardeau) गुजरता था मैं जब भी दरवाजे से खुला रहता था वह, खड़ा रहता…
ओ प्रतिमा अनजानी, दिल की सतत कहानी कहता हूँ निज बात सुहानी, सुन लो ना। डूबा रहता था केवल जीवन…
आपके हँसने में छन्द है सुर है राग है, आपका हँसना एक गीत है। आपके हँसने में प्रवाह है विस्तार…
Source: http://antoniogfernandez.com मेरा प्रेम कुछ बोलना चाहता है । कुछ शब्द भी उठे थे, जिनसे अपने प्रेम की सारी बातें…
Photo: From Facebook-wall of Pawan Kumar खो ही जाऊं अगर कहीं किसी की याद में तो बुरा क्या है? व्यर्थ…