उत्तर अपना औरों से पूछा
प्रश्न स्वयं का उत्तर अपना औरों से पूछा, अपने मधु का स्वाद लुटेरे भौरों से पूछा। जाना जहाँ जहाँ से…
कविता श्रेणी के अन्तर्गत छंदबद्ध एवं छंदमुक्त कविताएँ संकलित की गई हैं। साथ ही ग़ज़लें, गीत, हाइकु, दोहे इत्यादि भी इसी श्रेणी में उपश्रेणियाँ बनाकर प्रकाशित की गई हैं। छंदबद्ध कविताओं के अन्तर्गत सुभाषित, भजन, क्रियात्मक गीत एवं संवाद गीत संकलित हैं तथा छंदमुक्त कविताओं के अन्तर्गत मुक्त छंद की कविताएँ, हाइकु एवं लघु कविताएँ संकलित हैं। यह कविताएँ स्वरचित भी हैं तथा अन्य कवियों की भी प्रिय रचनायें किसी विशेष प्रयोजनवश सुविधानुसार प्रकाशित की गई हैं।
प्रश्न स्वयं का उत्तर अपना औरों से पूछा, अपने मधु का स्वाद लुटेरे भौरों से पूछा। जाना जहाँ जहाँ से…
अगर कभी ऐसा हो कि कहीं मिल जाओ तुम तो पूछने मत लगना वही अबूझे, अव्यक्त प्रश्न अपने नेत्रों से…
सच में ‘मैना’ ही नाम था उसका। मेरे पास अब केवल यादें शेष रह गयी हैं उसकी। छः बरस पहले…
मुझमें जो आनंद विरल है वह तुमसे ही निःसृत था और तुम्हीं में जाकर खोया । घूमा करता हूँ हर…
उसने नेह-स्वांग रच कर अपने सामीप्य का निमंत्रण दिया नेह सामीप्य के क्षणों में झूठा न रह सका अपने खोल…
प्रेम पत्रों का प्रेम पूर्ण काव्यानुवाद: दो प्रिय! तुमने लिखा आँख भर आयी, मैंने अपने दिन खोये और रात गंवाई…