आजकल एक किताब पढ़ रहा हूँ – आचार्य क्षेमेन्द्र की औचित्य-दृष्टि। किताब बहुत पुरानी है- आवरण के पृष्ठ भी नहीं हैं, इसलिये लेखक का नाम न बता सकूँगा। इस पुस्तक में लेखक की भाषा और शैली के चमत्कार से हतप्रभ…