तनिक पहचानेंउस शील कोजो डरता तो हैसंसार की अनगिनतअंधेरी राहों में चलते हुएपर अपने मन मेंऔर दूसरों…
मैंने तुम्हें औरतों से बतियाते कभीं नहीं देखाऔर न ही मर्दों से ऐसा सुना- ‘किसी औरत नेबड़ी…
तनिक पहचानेंउस शील कोजो डरता तो हैसंसार की अनगिनतअंधेरी राहों में चलते हुएपर अपने मन मेंऔर दूसरों…
मैंने तुम्हें औरतों से बतियाते कभीं नहीं देखाऔर न ही मर्दों से ऐसा सुना- ‘किसी औरत नेबड़ी…