चौथी शरण क्या है? बच्चन का एक प्रश्न-चिह्न मस्तिष्क में कौंध रहा है, उत्तर की खोज है- “भूत केवल जल्पना हैऔ’ भविष्यत कल्पना हैवर्तमान लकीर भ्रम कीऔर क्या चौथी शरण भी ?स्वप्न भी छल जागरण भी।” उत्तर की तलाश में…