आज तुलसी जयंती है । इन पंक्तियों के साथ इस विराट पुरुष का स्मरण कर रहा हूँ – अहो, नंदन विपिन की विटप छाया में विराजित कविमुरलिका बन्द कर दो छेड़ना अब रुद्र रव लाओप्रलय है पल रहा हर घर…