7 Comments मैं, मैं अब नहीं रहा (कविता) By Himanshu Pandey December 29, 2008 मैं, मैं अब नहीं रहा, तुम ही तो हूँ। बहुत भटकता रहा खोजताअपने हृदय चिरंतन तुमकोजो हर…