मैं, मैं अब नहीं रहा, तुम ही तो हूँ। बहुत भटकता रहा खोजताअपने हृदय चिरंतन तुमकोजो हर क्षण आछन्न रहेओ साँसों के चिर बंधन तुमको,मैं जाग्रत अब नहीं रहा, गुम ही तो हूँ।मैं, मैं अब नहीं रहा, तुम ही तो…