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स्त्री

Ramyantar

अविरल गति: वीना की कविता

Chandraparbha River flow: Naugarh-Chandauli एक नदी अविरल गति से बहती जा रही थी इठलाती हुई, बलखाती हुई कुछ कहती जा रही थी सबको मोह रही थी कल-कल पायल की झनकार से खुश थी बहुत, न था उसे कोई कष्ट इस…

Literary Classics, Ramyantar

माँ भी कुछ नहीं जानती

“बतलाओ माँ, बालमणि अम्मा मलयालम कविता की शीर्ष कवयित्री । प्रख्यात भारतीय अंग्रेजी साहित्यकार ’कमला दास’ की माँ । जन्म : १९ जुलाई १९०९, मृत्यु : २९ सितम्बर २००४ ’सरस्वती सम्मान’ सहित अनेक सम्मान/पुरस्कारों से सम्मानित । कवितायें दार्शनिक विचारों…

Ramyantar

तब ’नारी’ हो जाउँगी..

मुक्ति पर इतना विवाद,  खुलेपन पर इतना हंगामा क्यों ?  युग बीते, पर क्या तुम्हारी लोभ से ललचायी आँखों से  पूर्व-राग का नशा नहीं उतरा ?  शाश्वत कुंठा या कायरता हो गयी न अभिव्यक्त ! संस्कार दुबक गया शिक्षा का,…