हिन्दी दिवस की शुभकामनाओं सहित क्वचिदन्यतोऽपि पर की गयी टिप्पणी प्रसंगात यहाँ प्रस्तुत कर दे रहा हूँ –  “देर से देख रहा हूँ, पर हिन्दी दिवस के दिन देख रहा हूँ – संतोष है । इसका कुछ निहितार्थ भी जाने…