11 Comments कई बार निर्निमेष अविरत देखता हूँ उसे By Himanshu Pandey August 29, 2009 कई बार निर्निमेष अविरत देखता हूँ उसे यह निरखना उसकी अन्तःसमता को पहचानना है मैं महसूस करता…