अब का पूछ्त हउआ हमसे कि होली का होला। कइसे तोंहके हाल बताई कवन तरीके से समझाई कइसन बखत रहल हऽ ऊ भी कवने भाषा में बतलाई, उछरत रहल बांस भर मनवां जमत रहल जब गोला। छैल चिकनियां छटकत रहलन…
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करुणावतार बुद्ध
यहाँ पढ़ेंसिद्धार्थ के गौतम बुद्ध बनने तक की घटना को आधार बनाकर रचित इन नाट्य प्रविष्टियों में विशिष्ट प्रभाव एवं अद्भुत आस्वाद है।
राजा हरिश्चन्द्र
यहाँ पढ़ेंसिमटती हुई श्रद्धा एवं क्षीण होते सत्याचरण वाले इस समाज के लिए सत्य हरिश्चन्द्र का चरित्र-अवगाहन प्रासंगिक भी है और आवश्यक भी।
सावित्री
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सौन्दर्य लहरी
यहाँ पढ़ेंसौन्दर्य लहरी संस्कृत के स्तोत्र-साहित्य का गौरव-ग्रंथ व अनुपम काव्योपलब्धि है। इस ब्लॉग पर हिन्दी काव्यानुवाद सम्पूर्णतः प्रस्तुत है।
गीतांजलि : टैगोर
यहाँ पढ़ेंगुरुदेव टैगोर की विशिष्ट कृति गीतांजलि के गीतों का हिन्दी काव्य-भावानुवाद इस ब्लॉग पर प्रकाशित है। यह अनुवाद मूल रचना-सा आस्वाद देते हैं।
आलेख रूपांतर
यहाँ पढ़ेंविभिन्न भाषाओं से हिन्दी में अनूदित रचनाओं को संकलित करने के साथ ही विशिष्ट संस्कृत एवं अंग्रेजी रचनाओं के हिन्दी अनुवाद भी प्रमुखतः प्रकाशित हैं।
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