तेरी सुरभि वहन कर लायी शीतल मलय बयार,भारती तेरी जय हो!तेरी स्मृति झंकृत कर जाती उर वीणा…
उदात्त नारी की तरह उषा प्रत्येक वस्तु को सहलाती सँवारती आती है। सकल चराचर जीवन को जगाती…
(Photo credit: soul-nectar) मैं रोज सबेरे जगता हूँ दिन के उजाले की आहट और तुम्हारी मुस्कराहट साफ़…