Screenshot of Vivek Singh’s Blog ‘निंदक नियरे राखिये’ की लुकाठी लेकर कबीर ने आत्‍म परिष्‍कार की राह के अनगिनत गड़बड़ झाले जला डाले। ब्‍लागरी के कबीरदास भी इसी मति के विवेकी गुरूघंटाल हैं। कबीर ने तो खुद को कहा था,…