अति प्रिय तुम हमसे अनन्य हो गये..

By Himanshu Pandey

चारुहासिनी (मेरी भतीजी) की जिद है, इसलिये ये स्वागत-गीत यहाँ पोस्ट कर रहा हूँ । उसके स्कूल में इस स्वतंत्रता…

जागो मेरे संकल्प मुझमें ….

By Himanshu Pandey

जागो मेरे संकल्प मुझमें कि भोग की कँटीली झाड़ियों में उलझे, भरपेट खाकर भी प्रतिपल भूख से तड़पते स्वर्ण-पिंजर युक्त…

Exit mobile version