Category

Translated Works

Poetic Adaptation, Ramyantar, Translated Works, सौन्दर्य-लहरी

सौन्दर्य लहरी (छन्द संख्या 36-40)

सौन्दर्य लहरी (36-40)

सौन्दर्य लहरी संस्कृत के स्तोत्र-साहित्य का गौरव-ग्रंथ व अनुपम काव्योपलब्धि है। आचार्य शंकर की चमत्कृत करने वाली मेधा का दूसरा आयाम है यह काव्य। निर्गुण, निराकार अद्वैत ब्रह्म की आराधना करने वाले आचार्य ने शिव और शक्ति की सगुण रागात्मक…

Poetic Adaptation, Ramyantar, Translated Works, सौन्दर्य-लहरी

सौन्दर्य लहरी (छन्द संख्या 32-35)

सौन्दर्य लहरी का हिन्दी काव्यानुवाद स्मरं योनिं लक्ष्मीं त्रितयमिदमादौ तव मनो र्निधायैके नित्ये निरवधि महाभोग रसिकाः । भजंति त्वां चिंतामणि गुणनिबद्धाक्ष वलयाः शिवाग्नौ जुह्वंतः सुरभिघृत धाराहुति शतैं ॥३२॥ उक्त वर्णित मंत्रउसके तीन वर्ण प्रथम पृथक कर ’काम-योनि-श्री’ त्रयी को आदि में योजित…

Poetic Adaptation, Ramyantar, Translated Works, सौन्दर्य-लहरी

सौन्दर्य लहरी (छन्द संख्या 28-31)

सौन्दर्य लहरी का हिन्दी काव्यानुवाद सुधामप्यास्वाद्य प्रतिभय जरा मृत्यु हरिणीं  विपद्यंते विश्वे विधि शतमखाद्या दिविषदः। करालं यत् क्ष्वेलं कबलितवतः कालकलना न शंभोस्तन्मूलं  तव जननि ताटंक महिमा ॥२८॥ पीयूष का भी पान करजो जरा मृत्यु भयापहारीविधि सुराधिप देवगण भीत्याग करते प्राण…

Poetic Adaptation, Ramyantar, Translated Works, सौन्दर्य-लहरी

सौन्दर्य लहरी (छन्द संख्या 24-27)

सौन्दर्य लहरी का हिन्दी रूपांतर जगत्सूते धाता हरिरवति रुद्रः क्षपयतेतिरस्कुर्वन् एतत् स्वयमपि वपुरीशस्तिरयति ।सदा पूर्वः सर्वं तदिदमनुगृह्णाति च शिवस्तवाज्ञामालंब्य क्षणचलितयोः भ्रूलतिकयोः ॥२४॥ निमिष भर कीचलिततेरी नयन भ्रू का ले सहाराअखिल जगत प्रपंच कोहैं जन्म दे देते विधातापालते हैं विष्णु सक्षमरुद्र…

Poetic Adaptation, Ramyantar, Translated Works, सौन्दर्य-लहरी

सौन्दर्य लहरी (छन्द संख्या 19-23)

सौन्दर्य लहरी का हिन्दी भाव रूपांतर मुखं बिंदुं कृत्वा कुचयुगमधस्तस्य तदधोहरार्ध ध्यायेद्यो हरमहिषि ते मन्मथकलाम् ।स सद्यः संक्षोभं नयति वनिता इत्यति लघुत्रिलोकीमप्याशु भ्रमयति रवींदु स्तनयुगाम् ॥19॥ बिन्दु वदन युगल पयोधर बिन्दिकायें अधः संस्थित पुनः उसके अधःस्थित जो सुभग त्रिभुज त्रिकोणमय…