एक नदी अविरल गति से बहती जा रही थी इठलाती हुई, बलखाती हुई कुछ कहती जा रही…
“बतलाओ माँ, बालमणि अम्मा मलयालम कविता की शीर्ष कवयित्री । प्रख्यात भारतीय अंग्रेजी साहित्यकार ’कमला दास’ की…
मुक्ति पर इतना विवाद, खुलेपन पर इतना हंगामा क्यों ? युग बीते, पर क्या तुम्हारी लोभ से…