सम्हलो कि चूक पहली इस बार हो न जाये सब जीत ही तुम्हारी कहीं हार हो न…
कोई भाया न घर तेरा घर देखकर जी दुखी अपना यह खंडहर देखकर। आ गिरा हूँ तुम्हारी…
सम्हलो कि चूक पहली इस बार हो न जाये सब जीत ही तुम्हारी कहीं हार हो न…
कोई भाया न घर तेरा घर देखकर जी दुखी अपना यह खंडहर देखकर। आ गिरा हूँ तुम्हारी…