सौन्दर्य लहरी का हिन्दी काव्य रूपांतर यदेतत्कालिन्दी तनुतरतरंगाकृति शिवेकृशे मध्ये किंचिज्जननि तव यद्भाति सुधियाम्विमर्दादन्योन्यं कुचकलशयोरन्तरगतं तनूभूतं व्योम प्रविशदिव नाभिं कुहरिणीम्॥76॥ यमुन लहरी सदृश नीलीसूक्ष्म अति तनु वस्तु कोईप्रान्त कृश तव मध्य मेंप्रतिभात होती सुधि जनों कोकुच कलश के बीच में पिसता…