हंसी का व्यवहार
Hibiscus (Photo : soul-nectar) आंसू खूब बहें, बहते जांय हंसी नहीं आती, पर हंसी खूब आये तो आंखें भर-भर जाती…
कविता श्रेणी के अन्तर्गत छंदबद्ध एवं छंदमुक्त कविताएँ संकलित की गई हैं। साथ ही ग़ज़लें, गीत, हाइकु, दोहे इत्यादि भी इसी श्रेणी में उपश्रेणियाँ बनाकर प्रकाशित की गई हैं। छंदबद्ध कविताओं के अन्तर्गत सुभाषित, भजन, क्रियात्मक गीत एवं संवाद गीत संकलित हैं तथा छंदमुक्त कविताओं के अन्तर्गत मुक्त छंद की कविताएँ, हाइकु एवं लघु कविताएँ संकलित हैं। यह कविताएँ स्वरचित भी हैं तथा अन्य कवियों की भी प्रिय रचनायें किसी विशेष प्रयोजनवश सुविधानुसार प्रकाशित की गई हैं।
Hibiscus (Photo : soul-nectar) आंसू खूब बहें, बहते जांय हंसी नहीं आती, पर हंसी खूब आये तो आंखें भर-भर जाती…
मैंने कविता लिखी जिसमें तुम न थे तुम्हारी आहट थी और इस आहट में एक मूक छटपटाहट मैंने कविता लिखीजिसमें…
Rose Bud (Photo credit: soul-nectar) यदि देख सका किसी वस्तु को उसकी पूर्णता में तो रचूंगा जो कुछ वह पूर्णतः…
तनिक पहचानेंउस शील कोजो डरता तो हैसंसार की अनगिनतअंधेरी राहों में चलते हुएपर अपने मन मेंऔर दूसरों की दृष्टि मेंबनना…
जो प्रश्न हैं अस्तित्वगत तूं खींच चिन्तन बीच मत बस जी उसे उस बीच चल उससे स्वयं को दे बदल।…
पात-पात में हाथापायी बात-बात में झगड़ा किस पत्थर पर पता नहीं मौसम ने एड़ी रगड़ा। गांव गिरे औंधे मुंह गलियां…