Original Text The rain has held backfor days and days, my God, in my arid heart. The horizon…
सुहृद! मत देखो- मेरी शिथिल मंद गति, खारा पानी आँखों का मेरे, देखो- अन्तर प्रवहित उद्दाम सिन्धु…
नज़र में भरकर नज़र कुछ सिमट जाना, भूलना मत। देखना होकर मगन फिर चौंक जाना, भूलना मत।…
Geetanjali: Tagore I thought that my voyage had come to its end at the last limit of…
मैं जानता हूँ तुम्हारे भीतर कोई ’क्रान्ति’ नहीं पनपती पर बीज बोना तुम्हारा स्वभाव है। हाथ में…
सौन्दर्य लहरी का हिन्दी काव्य रूपांतर स्वदेहोद्भूताभिर्घृणिभिरणिमाद्याभिरभितो,निषेवे नित्ये त्वामहमिति सदा भावयति यः।किमाश्चर्यं तस्य त्रिनयनसमृद्धिं तृणयतो,महासंवर्ताग्निविरचयति नीराजनविधिं ॥95॥स्वशरीरोद्भूत…