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दमयंती स्वयंवर

नल दमयंती, नाटक

नल दमयंती: दमयंती स्वयंवर

दमयंती स्वयंवर

दमयंती स्वयंवर : पंचम दृश्य (दमयंती स्वयंवर का महोत्सव। नृत्य गीतादि चल रहे हैं। राजा महाराजा पधार रहे हैं। सब अपने अपने निवास स्थान पर यथास्थान विराजित होते हैं। सुन्दरी दमयंती अपनी अंगकांति से राजाओं के मन और नेत्रों को…

नल दमयंती, नाटक

नल दमयंती: स्वयंवर की तैयारी

नल: (उसकी बाहें पकड़कर सम्हालते हुए तथा आँसू पोंछते हुए) सुकुमारी! रोना अशुभ है, अतः मत रोओ। यदि मेरे अपराध के कारण तुम रो रही हो तो उस अपराध के लिए राजा नल हाथ जोड़कर क्षमा माँगता है। निष्कारण क्रोध…

नल दमयंती, नाटक

नल दमयंती: प्रथम मिलन

नल दमयंती: तृतीय दृश्य (रनिवास का दृश्य। नल चकित होकर रनिवास देखता है। दमयंती का प्रवेश।) दमयंती: हे वीराग्रणी! आप देखने में परम मनोहर और निर्दोष जान पड़ते हैं। पहले अपना परिचय तो बतायें! आप यहाँ किस उद्देश्य से आये…

नल दमयंती, नाटक

नल दमयंती: प्रारंभ

प्रथम दृश्य (राजमहल का दृश्य। निषध नरेश नल विदर्भ राजकुमारी दमयंती के विवाह के लिए आयोजित स्वयंवर में जाने से पूर्व अपने कुलगुरु से आशीर्वाद के लिए प्रस्तुत होते हैं। कुलगुरु को प्रणाम करते हैं।) कुलगुरु: कल्याण हो राजन्‌! हे…