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Hindi Literary Works

Poetry, Ramyantar

पिता मैं बहुत थोड़ा हूँ तुम्हारा

माँ केन्द्रित दूसरी कविता पोस्ट कर रहा हूँ। इस कविता का शीर्षक और इसके कवि का नाम मुझे नहीं मालूम, यदि आप जानते हों तो कृपया यहाँ टिप्पणी में वह नाम जरूर लिखें। पिता मैं बहुत थोड़ा हूँ तुम्हारा और…

Poetry, Ramyantar

माँ: नौ कवितायें

कुछ दिनों पहले चिट्ठा चर्चा में कविता जी ने ’माँ’ पर लिखी कविताओं की भावपूर्ण चर्चा की थी। तब से ही मन में इसी प्रकार की कुछ कविताओं की पंक्तियाँ बार-बार स्मरण में आ रहीं थीं। बहुत याद करने पर,…

Article on Authors, Literary Classics

करतार सिंह दुग्गल : कहानी कैसे बनी

पिताजी की संग्रहित की हुई अनेकों किताबों में एक है कहानी कैसे बनी। उसे महीनों पहले पढ़ना शुरु किया था। कुल आठ कहानियों की यह किताब मुझे अविश्वसनीय रचनाधर्मिता का उदाहरण लगी। मैंने इसे पूरा का पूरा पढ़ तो लिया…

Article | आलेख, Article on Authors, आलेख

प्रगीत और निराला की कविता शिवाजी का पत्र

छायावादी कवियों की नवीन चेतना के प्रसार के परिणामस्वरूप छायावादी रूढ़ि विद्रोही नवीन युग बोध ने इन्हें समस्त रूढ़ि बन्धनों का तिरस्कार कर अपने भावों के संप्रेषण के लिये तथा विचारों के अनुकूल भिन्न-भिन्न प्रकार की नयी काव्य-विधाओं की रचना…

Poetry, Ramyantar, Songs and Ghazals

माँ तुम गंगाजल होती हो

अभी-अभी पूजा उपाध्याय जी के ब्लॉग से लौट रहा हूँ। एक कविता पढ़ी- माँ के लिए लिखी गयी। मन सम्मोहित हो गया। पूजा जी की कविता से जेहन में एक कविता की स्मृति तैर गयी। छुटपन में बाबूजी ने पढ़ने…