मेरी दीवार में एक छिद्र है उस छिद्र में संज्ञा है, क्रिया है, विशेषण है। जब भी…
छंदों से मुक्त हुए बहुत दिन हुए कविता ! क्या तुम्हारी साँस घुट सी नहीं गई ?…
राजकीय कन्या महाविद्यालय के ठीक सामने संघर्ष अपनी चरमावस्था में है, विद्रूप शब्दों से विभूषित जिह्वा सत्वर…
बहुत पहले एक आशु कविता प्रतियोगिता में इस कविता ने दूसरी जगह पाई थी। प्रतियोगी अधिक नहीं…
रोने का एक दृश्य आंखों में भर गया । एक लडकी थी,रो रही थी । किसी ने…
एक बाग़ हैअनुभव काउसमें खिले हैं कुछ फूलये फूल बरसों का निदाघझेल कर बड़े हुएये फूल समय…