एक नदी अविरल गति से बहती जा रही थी इठलाती हुई, बलखाती हुई कुछ कहती जा रही…
Woman (Source: in.com) देखा मैंने, चल रही थी ‘बस’। विचार उद्विग्न हो आये विस्तार के लिये संघर्ष…
नीचे की कविता, कविता नहीं, कहानी है। नीतू दीदी की कहानी कह रहा हूँ मैं। मेरे कस्बे…
नीचे की कविता, कविता नहीं, कहानी है। नीतू दीदी की कहानी कह रहा हूँ मैं। मेरे कस्बे…
स्वीकार कर लिया काँटों के पथ को पहचाना फ़िर भी जकड़ लिया बहुरूपी झूठे सच को कुछ…
सच में ‘मैना’ ही नाम था उसका। मेरे पास अब केवल यादें शेष रह गयी हैं उसकी।…