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अविरल गति: वीना की कविता

Chandraparbha River flow: Naugarh-Chandauli एक नदी अविरल गति से बहती जा रही थी इठलाती हुई, बलखाती हुई कुछ कहती जा रही थी सबको मोह रही थी कल-कल पायल की झनकार से खुश थी बहुत, न था उसे कोई कष्ट इस…

Poetry, Ramyantar

बस में बैठी एक युवती

Woman (Source: in.com) देखा मैंने, चल रही थी ‘बस’। विचार उद्विग्न हो आये विस्तार के लिये संघर्ष कर रहे संकीर्ण जल की भाँति। आगे की दो सीटें सुरक्षित- प्रतिनिधित्व का दिलाने को विश्वास और दशा उस प्रतिनिधि की- अवगुंठित, संकुचित…

Poetry, Ramyantar

कविता लम्बी है, पर क्या करुँ कहानी है: दो

नीचे की कविता, कविता नहीं, कहानी है। नीतू दीदी की कहानी कह रहा हूँ मैं। मेरे कस्बे के इकलौते राष्ट्रीयकृत बैंक में कैशियर होकर आयी थीं और पास के ही घर में किराए पर रहने लगीं थीं। सहज आत्मीयता का…

Poetry, Ramyantar

कविता लम्बी है, पर क्या करुँ कहानी है: एक

नीचे की कविता, कविता नहीं, कहानी है। नीतू दीदी की कहानी कह रहा हूँ मैं। मेरे कस्बे के इकलौते राष्ट्रीयकृत बैंक में कैशियर होकर आयी थीं और पास के ही घर में किराए पर रहने लगीं थीं। सहज आत्मीयता का…

Poetry, Ramyantar

एक स्त्री के प्रति

स्वीकार कर लिया काँटों के पथ को पहचाना फ़िर भी जकड़ लिया बहुरूपी झूठे सच को कुछ बतलाओ, न रखो अधर में हे स्नेह बिन्दु! क्यों करते हो समझौता? जब पूछ रहा होता हूँ, कह देते हो ‘जो हुआ सही…

Poetry, Ramyantar

उड़ चली है आत्मा परमात्मा के पास

सच में ‘मैना’ ही नाम था उसका। मेरे पास अब केवल यादें शेष रह गयी हैं उसकी। छः बरस पहले अचानक ही लिख गयी थी यह कविता। आज मैना उड़ चली पिता के घर से पिया के घर गीलीं हो…

Poetry, Ramyantar

जो कर रहा है यहाँ पुरुष

राजकीय कन्या महाविद्यालय के ठीक सामने संघर्ष अपनी चरमावस्था में है, विद्रूप शब्दों से विभूषित जिह्वा सत्वर श्रम को तत्पर है, कमर की बेल्ट हवा में लहरा रही है और खोज रही है अपना ठिकाना , तत्क्षण ही बह आयी…

Poetry, Ramyantar

रो उठे तुम!

रोने का एक दृश्य आंखों में भर गया । एक लडकी थी,रो रही थी । किसी ने उससे उसका हाथ मांग लिया था। प्यार जो करता था वह। लडकी रो उठी। अजीब-सा वैपरीत्य था। यह छटपटाहट थी या असहायता-पता नहीं।…