जाग जाये यह मेरा देश (गीतांजलि का भावानुवाद)
यह देश अपूर्व, अद्भुत क्षमताओं का आगार है। यहाँ जो है, कहीं नहीं है, किन्तु यहाँ जो होता दिख रहा है वह भी कहीं नहीं है। इस देश की अनिर्वच प्रज्ञा और अद्वितीय पौरुष को विस्मरण ने आकंठ आवृत कर…
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यह देश अपूर्व, अद्भुत क्षमताओं का आगार है। यहाँ जो है, कहीं नहीं है, किन्तु यहाँ जो होता दिख रहा है वह भी कहीं नहीं है। इस देश की अनिर्वच प्रज्ञा और अद्वितीय पौरुष को विस्मरण ने आकंठ आवृत कर…
जितना मेरा अध्ययन है उसमें भारतीय अंग्रेजी लेखकों में निस्सीम ईजीकेल का लेखन मुझे अत्यधिक प्रिय है। ईजीकेल स्वातंत्र्योत्तर भारतीय अंग्रेजी कविता के पिता के रूप में प्रतिष्ठित हैं। आधुनिक भारतीय अंग्रेजी काव्य में विशिष्ट स्थान प्राप्त ईजीकेल सहज कविता,…
सौन्दर्य लहरी का हिन्दी काव्यानुवाद प्रकृत्याऽऽरक्तायास्तव सुदति दंतच्छदरुचेःप्रवक्ष्ये सादृश्यं जनयतु फलं विद्रुमलतान बिबं तद्बिबं प्रतिफलन रागादरुणितंतुलामध्यारोढुं कथमिव विलज्जते कलया ॥६१॥सुभग स्वाभाविक अरुणिमाधरतुम्हारे अधर पल्लवकौन ऐसा है तुलित होजो अधर की अरुणिमा सेफल जनन से हीनसमता है कहाँ विद्रुमलता कीरंचमात्र कला…