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ग़ज़ल – चाँदनी या मुख़्तसर सी धूप लाना

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

नज़र में भरकर नज़र कुछ सिमट जाना, भूलना मत।देखना होकर मगन फिर चौंक जाना, भूलना मत। मौज़ खोकर ज़िन्दगी ग़र…

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सौन्दर्य लहरी (छन्द संख्या 95-102)

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

सौन्दर्य लहरी का हिन्दी काव्य रूपांतर स्वदेहोद्भूताभिर्घृणिभिरणिमाद्याभिरभितो,निषेवे नित्ये त्वामहमिति सदा भावयति यः।किमाश्चर्यं तस्य त्रिनयनसमृद्धिं तृणयतो,महासंवर्ताग्निविरचयति नीराजनविधिं ॥95॥स्वशरीरोद्भूत किरणसमूहअणिमादिक सुसेवितजो स्वरूप…

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सौन्दर्य लहरी (छन्द संख्या 88-94)

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

सौन्दर्य लहरी का हिन्दी काव्य रूपांतर नखैर्नाकस्त्रीणां करकमलसङ्कोचशशिभिःतरूणां दिव्यानां हसत इव ते चण्डि चरणौ।फलानि स्वःस्थेभ्यः किसलय-कराग्रेण ददतांदरिद्रेभ्यो भद्रां श्रियमनिशमह्नाय ददतौ…

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को सजनी निलजी न भई, अरु कौन भटू जिहिं मान बच्यौ है

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

१. (राग केदार) पकरि बस कीने री नँदलाल। काजर दियौ खिलार राधिका, मुख सों मसलि गुलाल॥ चपल चलन कों अति…