अज्ञेय की पंक्ति- “मैं अकेलापन चुनता नहीं हूँ, केवल स्वीकार करता हूँ”- मेरे निविड़तम एकान्त को एक…
Quote by Lu Xun यदि आप एक ही विषय पर काम करते रहें तो अवश्य ही उसके…
हमेशा बाहर की खिड़की से एक हवा आती है- भोर की हवा, और चुपचाप कोई न कोई…
अपनी कस्बाई संस्कृति में हर शाम बिजली न आने तक छत पर लेटता हूँ। अपने इस लघु…
मन का चैन है जिसके लिये खूब तैयारी करता हूँ। कुछ पाने, न पाने की बेचैनी, जीवन…
एक महात्मा हैं, उनके पास जाता रहता हूँ। महात्मा से मेरा मतलब उस गैरिकवस्त्र-धारी महात्मा से नहीं,…