इस हिन्दी चिट्ठाकारी में कई अग्रगामी एवं पूर्व-प्रतिष्ठित चिट्ठाकारों की प्रविष्टियाँ सदैव आकृष्ट करती रहतीं हैं कुछ…
निवृत्ति की चाह रहीअथ से भीइति से भी । अथ पर ही अटका मनइति को तो भूल…
आज कुछ और नहीं, मेरे मित्र का मेरी ऑर्कुट स्क्रैपबुक में लिखा स्क्रैप पोस्ट कर रहा हूँ…
उदात्त नारी की तरह उषा प्रत्येक वस्तु को सहलाती सँवारती आती है। सकल चराचर जीवन को जगाती…
आज मोबाइल पर एक संदेश (Message) आया- एक आदमी मंदिर गया रोने लगा- “हे राम’ मेरी बीवी…
Marigold (Photo credit: soul-nectar) कहता है विरहित मन, कर ले तू कोटि जतन रुकना अब हाय नहीं,…