डायोजिनीज़ (Diogenes) के जीवन से जुड़ा यह प्रेरक प्रसंग शान्तचित्त रहने के अभ्यास को रेखांकित करता है।…
ग्रीष्म शृंखला में ब्रजभाषा से निकली यह ग्रीष्म गरिमा आपके सम्मुख है, कवि हैं अल्पज्ञात कवि सत्यनारायण।…
गर्मी की बरजोरी ने बहुतों का मन थोर कर दिया है, मेरा भी। वसंत का मगन मन…
वैवाहिक सप्तपदी: वर वचन हौं गृह-ग्राम रहौं जब लौं तब लौं ही तू साज सिंगार सजौगी।भाँतिन-भाँति के…
वैवाहिक सप्तपदी: कन्या-वचन देवनि देवि अनेकन पूजि कियो जग जीवन पुण्य घना। निज अर्चन वंदन पुण्य-प्रताप ते…
ठीक ठीक ब्लॉग लिखना शुरू करने के पहले मेरे एक ब्लॉगर मित्र ने मुझे कुछ उलाहने दिए।…