ठीक ठीक ब्लॉग लिखना शुरू करने के पहले मेरे एक ब्लॉगर मित्र ने मुझे कुछ उलाहने दिए। रघुवीर सहाय की पंक्तियों को उद्धृत कर सारांश दे रहा हूँ –

“उसने पहले मेरा हाल पूछा
एकाएक विषय बदलकर कहा
आजकल का समाज देखते हुए
मैं चाहता हूँ कि तुम बदलो ।
फिर कहा कि अभी तक तुम अयोग्य
साबित हुए हो
इसलिए बदलो
फिर कहा पहले तुम अपने को बदल कर दिखाओ
तब मैं तुमसे बात करूँगा । (रघुवीर सहाय )

मैंने मित्र की बात सुनी थी । शायद ब्लॉगर बनने की प्रेरणा में उसका भी हाथ हो ।

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Last Update: June 19, 2021

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