Tag

गिरिजेश राव

Blog & Blogger

मैं चिट्ठाकार हूँ, पर गिरिजेश राव जैसा तो नहीं

मैं चिट्ठाकार हूँ पर गिरिजेश राव जैसा नहीं।

मैं चिट्ठाकार हूँ, पर गिरिजेश राव जैसा तो नहीं जो बने तो निपट आलसी पर रचे तो जीवन-स्फूर्ति का अनोखा  व्याकरण- बाउ। संस्कारशील गिरिजेश राव कहूँ?- शृंखलासापेक्ष, पर्याप्त अर्थसबल, नितान्त आकस्मिकता में भी पर्याप्त नियंत्रित। जो प्रकृति का शृंगार है-…

Article | आलेख, Ramyantar, आलेख

शील और अनुशासन

अब शील पर आयें! ’शील’ और ’अनुशासन’ में अन्तर है जरूर। शील को पूरी तरह न तो ज्ञान से ही जोड़ कर देख सकेंगे और न ही केवल शारीरिक क्रिया या व्यवहार से। हाँ, अनुशासन जरूर एक व्यवस्था है, जो…

Blog & Blogger, Hindi Blogging

लंठ महाचर्चा : प्राणों के रस से सींचा पात्र बाउ (समापन किस्त)

एक आलसी का चिट्ठा । गिरिजेश राव का चिट्ठा। स्वनाम कृतघ्न आलसी का चिट्ठा। यहाँ पहुँचते ही होंगे अवाक! टिप्पणी को विचारेंगे, होंगे किंकर्तव्यविमूढ़। अगिया बैताली और स्थितप्रज्ञ- दोनों एक साथ। बिलकुल बाउ की तरह। बाउ, माने भईया का बनाया…

Blog & Blogger, Hindi Blogging

लंठ महाचर्चा : प्राणों के रस से सींचा पात्र बाउ

एक आलसी का चिट्ठा। गिरिजेश भईया का चिट्ठा, स्वनाम कृतघ्न आलसी का चिट्ठा। यहाँ पहुँचते ही होंगे अवाक! टिप्पणी को विचारेंगे, होंगे किंकर्तव्यविमूढ़। अगिया बैताली और स्थितप्रज्ञ- दोनों एक साथ। बिलकुल बाउ की तरह। बाउ, माने भईया का बनाया एक…