बिजली आ गयी। हफ्ते भर बाद। ’बूड़े थे पर ऊबरे’। बिजली की अनुपस्थिति कुछ आत्मबोध करा देती…
आशीष जी की पोस्ट पढ़कर टिप्पणी नियंत्रण का हरबा-हथियार (मॉडरेशन) हमने भी लगाया ही था कि पहली टिप्पणी…
टिप्पणीकारी को लेकर काफी बातें करते रहने की जरूरत हमेशा महसूस होती है मुझे। मैं इस चिट्ठाजगत…
टिप्पणीकारी केन्द्रित अपने पूर्ववर्ती आलेखों में मैं यह समझने का प्रयास करता रहा कि टिप्पणीकारी का अपना…
हिन्दी ब्लॉग और टिप्पणीकारी को लेकर पिछली प्रविष्टि में टिप्पणी करने के महत्व एवं टिप्पणी के रूप…
टिप्पणीकारी को लेकर सदैव मन में कुछ न कुछ चलता रहता है। नियमिततः कुछ चिट्ठों का अध्ययन…