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Devotional

Poetry

भारती तेरी जय हो (सरस्वती वंदना)

Bharati Teri Jay ho

तेरी सुरभि वहन कर लायी शीतल मलय बयार,भारती तेरी जय हो!तेरी स्मृति झंकृत कर जाती उर वीणा के तारभारती तेरी जय हो! अरुणोदय में सुन हंसासिनी तव पदचाप विहंगथिरक थिरक गा रहा प्रभाती पुलकित सारा अंगतेरे स्वागत में खिल जाती…

Audio, भोजपुरी, लोक साहित्य

सरस भजन: कब सुधिया लेइहैं मन के मीत

कब सुधिया लेइहैं मन के मीत: प्रेम नारायण पंकिल कब सुधिया लेइहैं मन के मीत, साँवरिया काँधा। कहिया अब बजइहैं बँसुरी, दिनवा गिनत घिसलीं अँगुरीकेतना सवनवाँ गइलैं बीत, साँवरिया काँधा॥१॥ कहिया घूमि खोरी-खोरी, करिहैं कृष्ण माखन चोरीहँसि के लेइहैं सबके…

Poetry, Ramyantar

तुम्हारे सामने ही तो अभिव्यक्त हूँ

 (Photo credit: soul-nectar) कुछ अभीप्सित है तुम्हारे सामने आ खड़ा हूँ याचना के शब्द नहीं हैं ना ही कोई सार्थक तत्त्व है कुछ कहने के लिए तुमसे। यहाँ तो कतार है याचकों, आकांक्षियों की, सब समग्रता से अपनी कहनी कहे…

Poetry, Ramyantar

वह डोर ही नहीं बुन पा रहा हूँ

मैं जिधर भी चलूँ मैं जानता हूँ कि राह सारी तुम्हारी ही है, पर यह मेरा अकिंचन भाव ही है कि मैं नहीं चुन पा रहा हूँ अपनी राह। मैंने बार-बार राह की टोह ली पर चला रंच भर भी…

Ramyantar

सच्चा की सच्ची पुकार: प्रभु आप जगो

अभी सुबह नहीं हुई है, पर जाग गया हूँ। एक अनोखी पुकार मन को वर्षों से आकर्षित करती रहती है- उसी को गुनगुना रहा हूँ- जगा रहा हूँ ईश्वर को या फिर अपने आप को, पता नहीं। इस पुकार को…