पिस-पिस कर भर्ता हुए समय के कोल्हू में तुम समायातीत बनो तो मर्द बखानूँ मैं। जाने कितने…
कुछ दिनों पहले एक भिक्षुक ने दरवाजे पर आवाज दी। निराला का कवि मन स्मृत हो उठा।…
अमेरिकी दार्शनिक कवि इमरसन Ralph Waldo Emerson का एक प्रसंग पढ़ रहा था। समय की अर्थवत्ता को…
बहुत पहले जब अपने को तलाश रहा था एक कविता लिखी थी- कुछ रूमानी- कसक और घबराहट…