मुझे क्षण-क्षण मुग्ध करती, सम्मोहित करती वृक्ष दोहद की चर्चा जारी है। मंदार की चर्चा शेष थी…
कवि समय की प्रसिद्धियों में अशोक वृक्ष के साथ सर्वाधिक उल्लिखित प्रसिद्धि है बकुल वृक्ष का कामिनियों…
प्रियंगु अपनी अनेक संज्ञाओं, यथा फलप्रिया, शुभगा, नन्दिनी, मांगल्य, प्रिया, श्रेयसा, श्यामा, प्रियवल्लि, कृष्णपुष्पी इत्यादि के…
यह देखिये कि बूँदे बरसने लगीं हैं, सूरज की चातुरी मुंह छुपा रही है और ग्रीष्म ने…
स्वर्ण-पुष्प वृक्ष की याद क्यों न आये इस गर्मी में। कौन है ऐसा सिवाय इसके जो दुपहरी…
वृक्ष दोहद की संकल्पना के पीछे प्रकृति के साथ मनुष्य का वह रागात्मक संबंध है जिससे प्रेरित…