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Himanshu Pandey
A blogger since 2008. A teacher since 2010, A father since 2010. Reading, Writing poetry, Listening Music completes me. Internet makes me ready. Trying to learn graphics, animation and video making to serve my needs.
सही कहा यही तो है विशिष्ट अनुभव ..
कुछ अमूर्त सा !
चाहे चार लाईन की हो या आठ, तुम्हारी हर कविता और उस के विचार सबसे जुदा होते हैं।
वह भाई कोयल के गीतों में गणित का हल? ऐसे अनुभव प्राप्त करने वाले वन्दनीय हैं! आभार
विशिष्ट अनुभव की बहुत ही गहराई से प्रस्तुति.
वाकई लाजवाब.
रामराम.
नही ….नही..यह तो बिलकुल भी विशिष्ट अनुभव नहीं …..और शायद यही आप कहना भी चाह रहे है !
वाह क्या बात है कवि तो झरने की आवाज मे भी गीत ढुढ लेता है, बहुत ही सुंदर हमेशा की तरह से.
धन्यवाद
ये तो बेहद विशिष्ट अनुभव होंगे।
घुघूती बासूती
आपकी छोटी कविता पढकर हुआ–विशिष्ट अनुभव!!
इतनी छोटी सी लाईने और इतनी बडी बात–विशिष्ट अनुभव!!!