’महाजनो येन गतः..’ वाला मार्ग भरी भीड़ वाला मार्ग है नहीं रुचता मुझे, जानता हूँ यह रीति-लीक-पिटवइयों…
वसंत प्रकृति का एक अनोखा उपहार है। आधी फरवरी से आधे अप्रैल तक का समय वसंत का…
सौन्दर्य लहरी का हिन्दी भाव रूपांतर त्वदन्यः पाणिभ्यामभयवरदो दैवतगणःत्वमेका नैवासि प्रकटित वराभीत्यभिनया,भयात् त्रातुं दातुं फलमपि च वांछासमधिकंशरण्ये…
साढ़े छः बजे हैं अभी। नींद खुल गयी है पूरी तरह। पास की बन्द खिड़की की दरारों…
तरुणाई क्या फिर आनी है ! चलो, आओ ! झूम गाओ प्रीति के सौरभ भरे स्वर गुनगुनाओ…
करुणावतार बुद्ध- 1, 2, 3, 4, 5,6,7, 8 के बाद प्रस्तुत है नौवीं कड़ी… करुणावतार बुद्ध (ब्राह्मण…