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अब तुम कहाँ हो मेरे वृक्ष ?

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

छत पर झुक आयी तुम्हारी डालियों के बीच देखता कितने स्वप्न कितनी कोमल कल्पनाएँ तुम्हारे वातायनों से मुझ पर आकृष्ट…

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Virtue by George Herbert – जॉर्ज हरबर्ट की कविता Virtue का हिन्दी काव्यानुवाद

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

जॉर्ज हर्बर्ट George Herbert की कविता Virtue उनकी सबसे प्रसिद्ध कविताओं में से एक है। यह कविता उनकी काव्य संग्रह…

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गद्य से उभारनी पड़ रही है बारीक-सी कविता

Himanshu Pandey By Himanshu Pandey

छंदों से मुक्त हुए बहुत दिन हुए कविता ! क्या तुम्हारी साँस घुट सी नहीं गई ? मैंने देखा है…