Category

Hindi Blogging

Blog & Blogger, Hindi Blogging

चिट्ठाकार-चर्चा, चिट्ठा-चर्चा और चिट्ठा-चर्चा

आपने पढ़ी होगी। अगर नहीं पढ़ी, तो यह रही अरविन्द जी की चिट्ठाकार-चर्चा, इस चर्चा के एक कूट शब्द को अनावृत करती रचना जी की यह टिप्पणी और इस टिप्पणी पर थोड़ी और खुलती यह चिट्ठा-चर्चा। नहीं मालूम, अरविन्द जी…

Article | आलेख, Blog & Blogger, Hindi Blogging

रीमा जी की ’बूढ़ी घोड़ी लाल लगाम’ और अरविन्द जी की टिप्पणी: कुछ मैं भी कहूँ

सबसे पहले स्पष्ट करूँ कि इस आलेख की प्रेरणा और प्रोत्साहन अरविन्द जी की टिप्पणी है, जो उन्होंने रीमा जी की प्रविष्टि पर की है। रीमा जी ने ’बूढ़ी घोड़ी लाल लगाम’ मुहावरे को वृद्ध-परिहास का मुहावरा मान लिया है।…

Blog & Blogger, Hindi Blogging

निंदक-वंदना का विवेक-सत्‍य

Screenshot of Vivek Singh’s Blog ‘निंदक नियरे राखिये’ की लुकाठी लेकर कबीर ने आत्‍म परिष्‍कार की राह के अनगिनत गड़बड़ झाले जला डाले। ब्‍लागरी के कबीरदास भी इसी मति के विवेकी गुरूघंटाल हैं। कबीर ने तो खुद को कहा था,…

General Articles, Hindi Blogging, Ramyantar

हिन्दी ब्लॉग लेखन: साहित्य की सीमाओं से परे सर्जित साहित्य

हिन्दी ब्लॉग लेखन को साहित्य की स्वीकृत सीमाओं में बांधने की अनेक चेष्टाएँ हो रही हैं। अबूझे-से प्रश्न हैं, अबूझे-से उत्तर। ब्लॉग की अवधारणा साहित्या की अवधारणा से मेल नहीं खाती। सब कुछ अवांछित, असुंदर, अनगढ़ साहित्य की संपत्ति कैसे…

Contemplation, Hindi Blogging, चिंतन

मेरा अकेलापन और रचना का सत्य-सूत्र

मैं लिखने बैठता हूँ, यही सोचकर की मैं एक परम्परा का वाहक होकर लिख रहा हूँ। वह परम्परा कृत्रिमता से दूर सर्जना का विशाल क्षितिज रचने की परम्परा है जिसमें लेखक अपनी अनुभूतियाँ, अपने मनोभाव बेझिझक, बिना किसी श्रम और…

Blog & Blogger, Hindi Blogging, Ramyantar

किसी हिन्दी चिट्ठे के सौ प्रशंसक होने का मतलब (हिन्दी ब्लॉग टिप्स का सन्दर्भ)

आज की लेखनी (या उसे चिट्ठाकारी कहिये) का गुण है कि वह पठनीय हो कि जटिलताओं के अवकाश को भरने के लिए और दुर्वह स्थितियों से पलायन के लिए वह हमारी सहायता करे। पठनीयता के साथ अपने आप एक विशेषण…

Article | आलेख, Hindi Blogging

मस्ती की लुकाठी लेकर चल रहा हूँ

A leaf  (Photo credit: soul-nectar) मैं यह सोचता हूँ बार-बार की क्यों मैं किसी जीवन-दर्शन की बैसाखी लेकर रोज घटते जाते अपने समय को शाश्वत बनाना चाहता हूँ? क्यों, यदि सब कुछ क्षणभंगुर है तो उसे अपनी मुट्ठियों में भर…

Hindi Blogging, Ramyantar

एक ब्लॉग टिप्पणी की आत्मकथा

मैं एक ब्लॉग टिप्पणी हूँ। अब टिप्पणी ही हूँ तो कितना कहूं। उतना ही न जितना प्रासंगिक हो, तो इतना कह लेती हूँ शुरू शुरू में कि मैं ब्लॉग प्रविष्टि से अलग हूँ। अलग इस अर्थ में कि मुझे देख…

Article | आलेख, Hindi Blogging

हिन्दी ब्लॉग लेखन : विरुद्धों का सामंजस्य

हिन्दी ब्लॉग लेखन के कई अंतर्विरोधों में एक है सोद्देश्य, अर्थयुक्त एवं सार्वजनीन बन जाने की योग्यता रखने वाली प्रविष्टियों, और आत्ममुग्ध, किंचित निरुद्देश्य, छद्म प्रशंसा अपेक्षिता प्रविष्टियों का सह-अस्तित्व। सोद्देश्य, गहरी अर्थवत्ता के साथ लिखने वाला ब्लॉगर अपनी समस्त…

Blog & Blogger, Contemplation, Hindi Blogging

रचना का स्वान्तःसुख, सर्वान्तःसुख भी है

बिना किसी बौद्धिक शास्त्रार्थ के प्रयोजन से लिखता हूँ अतः ‘हारे को हरिनाम’ की तरह हवा में मुक्का चला लेता हूँ, और अपनी बौद्धिक ईमानदारी निभा लेता हूँ। स्वान्तःसुखाय रचना भी विमर्श के झमेले में पड़ जाय तो क्या करें…