काश! मेरा मनसरकंडे की कलम-सा होताजिसे छील-छाल कर,बना करभावना की स्याही में डुबाकरमैं लिखताकुछ चिकने अक्षरमोतियों-से,प्रेम के।…
(१) बहुत दूर नहींबहुत पास..कहकर तुमने बहका दियामैं बहक गया। (२)एक,दो,तीन…नहींशून्य मूल्य-सत्य हैकहाफिर अंक छीन लिएमैं शून्य…
जब ध्वनि असीम होकर सम्मुख होतो कान बंद कर लेना बुद्धिमानी नहींजो ध्वनि का सत्य हैवह असीम…