जब ध्वनि असीम होकर सम्मुख हो
तो कान बंद कर लेना बुद्धिमानी नहीं
जो ध्वनि का सत्य है
वह असीम ही है ।
चलोगे तो पग ध्वनि भी निकलेगी
अपनी पगध्वनि काल की निस्तब्धता में सुनो
समय का शोर
तुम्हारी पगध्वनि का क्रूर आलोचक होगा।
जब ध्वनि असीम होकर सम्मुख हो
तो कान बंद कर लेना बुद्धिमानी नहीं
जो ध्वनि का सत्य है
वह असीम ही है ।
चलोगे तो पग ध्वनि भी निकलेगी
अपनी पगध्वनि काल की निस्तब्धता में सुनो
समय का शोर
तुम्हारी पगध्वनि का क्रूर आलोचक होगा।
If people listen the noise of his foot and care for it, the whole world will change to SWARGA.
वाह समय का शोर और हमारी पगध्वनी का आलोचक । बहुत अलग सी सोच ।
'' शब्दगुणमाकाशम् ……….. ''